सीहोर। ग्राम पंचायतों में घर घर जाकर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फेलाने और गांवों को खुले में शौच से मुक्त कर ओडीएफ घोषित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाहनकर्ता पांच सौ से अधिक स्वच्छता ग्राहियों के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के द्वारा धोकाधड़ी जैसा मामला सामने आया है। स्वच्छता ग्राहियों प्रेरकों को हीं फेसीलेटर बनाने के निर्देश शासन के द्वारा जारी किए गए थे लेकिन निर्देशों के उलट अधिकारियों ने ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों को हीं फेलीलेटर बना दिया। जनसुनवाई में मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे स्वच्छता ग्राहियों ने डिप्टी कलेक्टर वरूण अवस्थी को मामले से अवगत कराया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कारनामा पांच सौ से अधिक जिले के स्वच्छता ग्राही हुए प्रभावित