डोनाल्ड ट्रंप से पहले अब तक 6 अमेरिकी राष्ट्रपति कर चुके हैं भारत की यात्रा, इन्हें दी गई थी 21 तोपों की सलामी

डोनाल्ड ट्रम्प की अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पहली भारत यात्रा के तामझाम की चर्चा जोरों पर रहने के बीच अतीत में झांकने पर हमें अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों की यात्राएं नजर आती हैं। यह सब लगभग साठ साल पहले तब शुरू हुआ था जब ड्वाइट डेविड आइज़नहावर द्विपक्षीय संबंधों को बल देने के लिए भारत की यात्रा करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने थे। वह नौ-14 दिसंबर, 1959 को भारत यात्रा पर आए थे।


यह किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली ऐतिहासिक भारत यात्रा थी। राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गयी थी। वह तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमं जवाहरलाल नेहरू से मिले थे। रिचर्ड निक्सन भारत की यात्रा (31 जुलाई-एक अगस्त, 1969) पर आने वाले दूसरे राष्ट्रपति थे। आइज़नहावर की तरह निक्सन की यात्रा कोई बड़ा संदेश नहीं दे पाई। वह एक दिन से भी कम समय यहां रहे और भारत को कुछ हासिल नहीं हुआ।


1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में निक्सन पाकिस्तान के पक्ष में रहे। जिम्मी कार्टर भारत की यात्रा (1-3जनवरी, 1978) पर आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे। उनकी यात्रा से महज कुछ महीने पहले जनता पार्टी के मोरारजी देसाई देश के प्रधानमं। बने थे। तीन दिन की इस यात्रा के दौरान कार्टर ने संसद को संबोधित किया और वह दिल्ली के समीप एक गांव में गए।इस गांव के नाम उनके नाम पर रखा गया।


बिल क्लिंटन दो दशक बाद भारत की यात्रा पर आने वाले चौथे अमेरिकी राष्ट्रपति थे। वह 19-25 मार्च, 2000 के दौरान भारत यात्रा पर आए थे। कई लोग इसे पासा पलटने के रूप में देखते हैं जिस दौरान क्िंलटन और तत्कालीन प्रधानमं। अटल बिहारी वाजपेयी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए एक दिशा तय की।यह यात्रा ऐसे समय हुई जब अमेरिका 1999 के परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध के बाद भारत पर प्रतिबंध लगा चुका था। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि क्लिंटन की यात्रा भारत अमेरिका रणनीतिक एवं आर्थिक साझेदारी की शुरुआत को रेखांकित करती है।


जार्ज डब्ल्यू बुश भारत की यात्रा पर आने वाले पांचवें अमेरिकी राष्ट्रपति थे। वह मनमोहन सिंह के प्रधानमं। के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान अपनी पत्नी लउरा बुश के साथ 1-3 मार्च, 2006 को भारत यात्रा पर आये थे। बुश की इस यात्रा को परमाणु करार होने के लिए याद किया जाएगा।


बराक ओबामा भारत की यात्रा करने वाले छठे अमेरिकी राष्ट्रपति थे। इस यात्रा से भारत अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत होने का संदेश गया। वह दिल्ली के बजाय मुंबई पहुंचे। इसका उद्देश्य न केवल व्यापार बल्कि मुंबई हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करना था। ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की तरफदारी की। उन्होंने 24-27 जनवरी, 2015 को फिर भारत की यात्रा की। वह भारत की दो बार यात्रा करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने। इस बार वह गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे।